मौसम्बी के फायदे और नुकसान | (Health Benefits Of Orange In Hindi)

जब भी कोई मौसंबी का नाम ले ले, तब क्या याद आता है? वही कुछ खट्टा मीठा सा जूस। जो हमारा तबीयत खराब होने पर मार्केट से लाया जाता था और हमें पिलाया जाता था।

हमें नहीं पता चलता था इसके फायदे क्या हैं,लेकिन अब उसके बारे में जानकारी लेने की कोशिश की मैंने, तो पता चला कि मौसंबी एक बेहद गुणकारी फल है,जो कई तरीके से हमें स्वस्थ रहने में साथ ही हमें रोगों से लड़ने में मदद करता है।

आइए स्वास्थ्य श्रृंखला में आज चर्चा करते हैं मौसंबी की….

मौसंबी एक नींबू प्रजाति का फल है। इसका वैज्ञानिक नाम सिट्रस लिमीटा है। यह लगभग नारंगी के आकार होता  है। इसे मीठा नींबू या मुसम्मी भी कहा जाता है।

इसका प्रयोग साबुन की खुश्बू,शराब और तेल में भी होता है।मौसंबी का पेड़ 6 मीटर तक ऊँचा और फैला हुआ होता है। यह कांटों से युक्त और हमेशा हरा रहता है। मौसंबी फल कच्ची अवस्था में हरे रंग का तथा पकने पर सुनहरा या नारंगी रंग का हो जाता है।

फल के अन्दर चिकने, सफेद रंग के, तथा नुकीले बीज होते हैं। मौसंबी का रस शारीरिक शक्ति और भूख बढ़ाता है।
इसकी कई किस्में हैं,जिसमें से नेवल,जुमैका,और माल्टा प्रसिद्ध हैं।

यह दक्षिण पूर्व एशिया में बड़े स्तर पर पैदा किया जाता है। भारत में महाराष्ट्र के अहमदनगर,पुणे, जलगांव, जालना, औरंगाबाद, नागपुर जिलों में बड़े स्तर पर जबकि मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में,साथ ही आंध्र प्रदेश,कर्नाटक, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में भी पैदा किया जाता है।

इसके खेती के लिए काली बलुई मिट्टी अनुकूल है।

मौसंबी में अनेक तत्व पाए जाते हैं।उनका प्रति 100ग्राम अनुपात दिया गया है।

Nutrition Facts of Mosambi

मौसंबी के लाभ:इसमें विटामिन सी और एंटी ऑक्सिडेंट भी होते हैं। मीठी मौसमी स्किन केयर प्रोडक्ट्स में भी दवाई के रूप में इस्तेमाल की जाती है।

यह रूखी त्वचा को मॉइस्चराइज करता है और त्वचा को स्वस्थ रखता है। यह आपकी रंगत में भी सुधार करती है। मौसमी में मौजूद विटामिन सी न सिर्फ त्वचा को गोरा करता है बल्कि त्वचा के दाग-धब्बे और मुहांसों को भी कम करता है।

यह पसीने और शरीर की बदबू को भी दूर करता है। मौसमी खाने से खून साफ होता है और त्वचा संबंधी समस्याओं से भी राहत मिलती है। होंठों पर मोसम्बी जूस लगाने से होंठ फटने की समस्या हल होती है।

मोसम्बी के फायदे

1.यह सेहत के लिए बेहतरीन है।यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह शारीरिक कमजोरी को भी दूर करने में सहायता करता है।रोज मोसंबी का जूस पीने से रक्त संचार सही ढंग से होता है।

मोसंबी का जूस हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है जिससे हमें बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।यह त्वचा में होने वाली सूजन को भी दूर करती है और संक्रमण से बचाती है।

सर्दी जुकाम के लिए विटामिन सी बेहद अच्छा होता है। मीठी मौसमी विटामिन सी से समृद्ध होती है और इसे रोजाना खाने से बैक्टीरिया और वायरस के खिलाफ लड़ने में मदद मिलती है और इस तरह इम्यूनिटी बढ़ती है।

2. यह विटामिन सी का एक बड़ा स्रोत है, जोकि त्वचा बाल आंख नाखून आदि को स्वस्थ रखता है।इसके नियमित इस्तेमाल से त्वचा में चमक आती है।त्वचा से जुड़े रोगों में भी मौसमी लाभकारी है।

इसके छिलकों को कील-मुहासों पर लगाने से फायदा होता है। वहीं इसके सेवन से खून साफ होता है और त्वचा का रंग भी निखरता है।

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3. मौसंबी का जूस हमारे ब्लड को शुद्ध करता है। जिसके चलते त्वचा से संबंधित कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है। मौसंबी का जूस चेहरे पर निकलने वाले पिंपल को खत्म करने में सहायक होता है।

4. इसमें पेक्टिन और विटामिन सी के साथ-साथ कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जो कोलेस्ट्रोल को कम करने में हमारी सहायता करते हैं और हृदय रोगों से हमें बचाते हैं।

मौसंबी का जूस पीने के अलावा मौसमी को चेहरे पर लगाकर भी इसका फायदा ले सकते हैं। मौसंबी को दो भागों में काटकर इससे निकलने वाले रस को चेहरे पर लगाएं। मौसंबी में पाए जाना वाला सिट्रिक एसिड ब्लीच और क्लींजिंग का काम करता है।

5. यह पेट संबंधित समस्याओं को ठीक करता है। इसमें मौजूद फाइबर हमारी पाचन शक्ति बढ़ाता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।

अपच की समस्या के लिए मीठी मौसमी खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे लार ग्रंथि उत्तेजित होती है जिससे एन्ज़ाइम्स बढ़ते हैं और एन्ज़ाइम बढ़ने से मल त्याग बेहतर होता है।

इस तरह आपकी पाचन क्रिया स्वस्थ रहती है। मोसंबी दस्त, उल्टी और मतली को भी नियंत्रित करती है।मौसमी खाने से पेट में पाचक रस का स्नाव होता है, जो भोजन को जल्दी पचाने में मदद करता है।

इसमें पोटेशियम होता है जो पेट की गड़बड़ी, पेचिश और दस्त में फायदा पहुंचाता है।

6. यह वजन कम करने में सहायक है। मौसंबी के रस को शहद और गुनगुने पानी के साथ लेने से वजन घटाने में सहायता मिलता है।कम होता है बल्कि इससे आपकी प्यास भी मिटती है।

मीठी मौसंबी में कम मात्रा में कैलोरी होती है और इसे खाने से भूख भी मिटती है। एक ग्लास मौसमी के जूस में एक छोटा चम्मच शहद डालकर खाने से अत्यधिक कैलोरी बर्न होती है।

7.यह ओस्टियोपरोसिस, जोड़ों, घुटनों के दर्द में राहत प्रदान करता है।मौसमी फोलिक एसिड और विटामिन सी से समृद्ध होती है, जो ऑस्टियोआर्थराइटिस व रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से बचाव करती है।

कार्टिलेज (कार्टिलेज मजबूत तथा लचीले ऊतक होते हैं, जो जोड़ों में पाए जाते हैं, और दो हड्डियों को आपस में जोड़ने का काम करते हैं।) से जुड़े पुराने विकार को ऑस्टियोआर्थराइटिस कहते हैं जबकि ऑटोइम्यून रोग जिसकी वजह से जोड़ों में दर्द होता है उसे रूमेटाइड आर्थराइटिस कहते हैं।

8.अगर आपको भूख नहीं लगती तब यह आपके लिए ज्यादा आवश्यक है।इसे लेने से भूख की समस्या दूर होती है। इसे पीने से शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं।

मौसमी में डायटरी फाइबर होता है जो कि कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी है। इसलिए जूस की बजाय इसे सीधा खाया जाना चाहिए।

9.आम तौर पर मधुमेह से जूझ रहे व्यक्ति को मौसंबी नहीं लेना चाहिए,लेकिन अगर नियंत्रण में है तो थोड़े मात्रा में लिया जा सकता है।और मधुमेह के लिए इसका एक नुस्खा भी है।

मौसंबी के छिलकों को सुखाकर पाउडर बना लें और इसे गर्म पानी के साथ एक चम्मच प्रति दिन लें।इसमें मौजूद फ्लेवोनॉयड्स खून में ग्लूकोज की मात्रा घटाने में सहायक है।

मौसंबी एक विटामिन सी का बड़ा स्रोत है और यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

10. यह स्कर्वी रोग में भी फायदेमंद है।इससे बचाव के लिए चार चम्मच मौसंबी का रस,दो चम्मच पानी,एक चुटकी काला नमक मसूड़ों पर मालिश करें।इसमें मौजूद विटामिन सी स्कर्वी को ठीक करता है।

इसके कुछ लक्षण जैसे मसूड़ों की सूजन, मुंह के छाले और जीभ के छाले, फटे होंठ, त्वचा पर चकत्ते, फ्लू आदि है। मीठी मौसमी मसूड़ों से खून को भी रोकने में मदद करती है। मौसमी खाने से मुंह की बदबू से भी छुटकारा मिलता है।मसूड़ों में सूजन, बार-बार फ्लू होना, जुकाम और होठों का फटना जैसे लक्षण स्कर्वी रोग के कारण होते हैं।

11. यह पेप्टिक अल्सर को ठीक करने में सहायता करता है।जब एसिडिटी बढ़ जाती है,तब आंत और मुंह में छाले पड़ जाते हैं,और यह उन्हें ठीक करता है।

तीन चम्मच मौसंबी का रस और एक चम्मच नींबू का रस गुनगुने पानी के साथ लेने पर फायदा करता है।

इसमें एंटी कार्सिनोजेनिक,एंटी ऑक्सिडेंट,एंटी बायोटिक गुण पाए जाते हैं।इस तरह मीठी मौसमी खाने से पेप्टिक अल्सर को बढ़ावा देने वाले बैक्टीरिया मर जाते हैं और पेप्टिक अल्सर की समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है।

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12. यह आंखों के लिए फायदेमंद होता है।एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल कारणों से ये आपकी आंखों को इन्फेक्शन से बचाता है। इसका जूस आंखों के लिए काफी अच्छा है।

तीन चार बूंद मौसंबी का रस एक गिलास पानी में मिलाकर चेहरे को धोने से संक्रमण की संभावना कम होती है।

13. गर्भवती महिला के लिए यह विभिन्न अयस्कों का स्रोत होता है।यह उन्हें पोषण प्रदान करता है, हालांकि इसके सेवन से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लेना चाहिए।

गर्भवती महिलाओं के लिए भी  मोसंबी का जूस काफी फायदेमंद रहता है। ये मां और बच्चे दोनों की सेहत को फायदा पहुंचाता है।

14. मौसंबी अस्थमा में भी फायदेमंद होता है। एक गिलास मौसंबी के जूस में जीरा और अदरक थोड़ा सा नमक मिलाकर लेने से अस्थमा में फायदा होता है। साथ ही विटामिन सी और एंटी माइक्रोबियल गुणों से हमारा श्वांस तंत्र मजबूत होता है।

15. इससे मूत्र सम्बन्धी समस्याओं में भी आराम मिलता है इसमें मौजूद पोटेशियम जैसे तत्व किडनी और मुद्रा से को डिटॉक्सिफाई करता है।

16. यह पीलिया में भी फायदेमंद है।इसमें मौजूद रेशे पाचन को ठीक करते हैं।जिससे लिवर की कार्यप्रणाली स्वस्थ होने लगती है।

17. यह सनस्ट्रोक और डिहाइड्रेशन में शरीर की मदद करता है।इसमें मौजूद पानी हमारे शरीर को फायदा पहुंचाता है।और रिहाइड्रेशन करता है।

18. यह तंत्रिका तंत्र को भी मजबूती प्रदान करता है। इसमें मौजूद विटामिन सी नर्वस सिस्टम को मजबूत करता है।

इसमें पानी की अधिकता होती है,जो मेटा बॉलिक एक्टिविटीज को संचालित करने में सहायता करता है।

19. यह टॉन्सिल बढ़ने की भी समस्या से निजात दिलाता है।इसमें मौजूद विटामिन सी बैक्टीरिया ग्रोथ को रोकता है।

20. यह त्वचा के ख्याल रखने में सहायक है।इसके कुछ नुस्खे हैं जो त्वचा का रंग निखारते हैं।
बेसन में मौसंबी का पेस्ट मिलाकर लगाने से रंग में निखार आता है।यह त्वचा में होने वाली सूजन को भी दूर करती है और संक्रमण से बचाती है। सर्दी जुकाम के लिए विटामिन सी बेहद अच्छा होता है।

मीठी मौसमी विटामिन सी से समृद्ध होती है और इसे रोजाना खाने से बैक्टीरिया और वायरस के खिलाफ लड़ने में मदद मिलती है और इस तरह इम्यूनिटी बढ़ती है।

मुहांसों में राहत के लिए मौसंबी के छिलके पीसकर लगाना चाहिए।

21. यह बालों को मजबूती प्रदान करता है।मौसंबी के रस को बालों में लगाने से डैंड्रफ,दोमुंहे बाल, रूखापन से राहत मिलती है।मोसंबी के जूस में कॉपर पाया जाता है जिससे ये बालों को कंडिशनर करने का काम करता है।

इससे बाल धोने से बाल मुलायम और चमकदार बनते हैं।इसके अलावा मौसमी के इस्तेमाल से बाल बेहद तेजी से बढ़ते हैं। खट्टे फलों के फायदों को देखते हुए कई उत्पादों में साइट्रस फलों को शामिल किया जाने लगा है।

22. मौसंबी तनाव और प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव को कम करता है और शरीर को ऊर्जा से भरपूर रखता है। मौसमी फाइबर से समृद्ध होती है और आंत प्रणाली से विषाक्त पदार्थों को साफ कर कब्ज से छुटकारा दिलाती है।

मोसंबी के जूस को पानी में डालकर नहाने से आप पसीने की बदबू जैसी समस्या से भी बच सकते हैं।

22.यह अनुवांशिक बीमारी सिकल एनीमिया में भी लाभकारी होता है। सिकल सेल एनीमिया, लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करती है।

इस स्थिति में लाल रक्त कोशिकाएं दरांती के आकार की होने लगती हैं और कठोर व चिपचिपी बन जाती हैं। परिणामस्वरुप, शरीर के विभिन्न अंगों में ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन की आपूर्ति सही तरह से नहीं हो पाती, जिस वजह से उत्तक खराब होने लगते हैं और शरीर में गंभीर दर्द की समस्या होने लगती है।

खट्टे फल बीमारियों से बचाते हैं और लाल रक्त कोशिकाओं के आकार में आए बदलावों को बढ़ने से रोकते हैं।

23. कैंसर में भी इसके फायदे हैं।मीठी मौसमी में एंटीकैंसर घटक होते हैं जो असामान्य कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं, इस तरह कैंसर के अलग-अलग प्रकार से लड़ने में मदद मिलती है।

कई खट्टे फल में हैस्पेराइडिन (प्राकृतिक बायोफ्लेवनॉइड) होता है जो कि एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है। यह ब्रैस्ट कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर, लंग कैंसर और लिवर कैंसर से भी बचाता है।

यह बॉडी को डिटॉक्सीफाई करता है।इसमें मौसमी काफी फायदेमंद है।   मौसमी में विटामिन सी होता है, जो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

कोरोना संकट के दौरान यह काफी उपयोगी है। इससे कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है और ब्लड प्रेशर की समस्या से भी निजात मिलती है।
मधुमेह के रोग में भी इसका सेवन आंवले और शहद के साथ फायदेमंद होता है।

मोसम्बी के घरेलु नुस्खे

मौसंबी का उपयोग कई बीमारियों में होता है,यह तो पहले ही बताया जा चुका है।लेकिन कैसे इस्तेमाल करें,यह इस सब हेडिंग में पढ़ें,
1.वजन घटाने और रक्त चाप के लिए मौसम्बी जूस  के साथ एक गिलास हल्का गर्म पानी और शहद पीयें।

2.शुगर  के रोगी को मौसमी के जूस में आंवला का रस और शहद मिलाकर सुबह खाली पेट पीना चाहिए, इससे ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल में रहता है।

3.सर्दी जुकाम ठीक करने के लिए एक गिलास मौसंबी जूस में एक चुटकी नमक, 5-6 बूँद अदरक का रस डालकर पीयें।

4.प्रतिदिन एक गिलास मौसम्बी जूस दिल को स्वस्थ रखता है और कोलेस्ट्रॉल घटाता है।

5.आयुर्वेद के अनुसार, 40-50 मिली मौसंबी के रस में 1 ग्राम मरिच का पाउडर, तथा सेंधा नमक मिला लें। इसका सेवन करने से सांसों की बीमारी जैसे दमा जैसे रोगों में फायदा मिलता है। सांस संबंधी समस्याओं में मौसंबी का रस बहुत फायदेमंद होता है।

6.मौसंबी का रस हैजा को ठीक करने में सहायता करता है। 50-100 मिली मौसंबी फल के रस का सेवन करने से पित्त की समस्या, उलटी, दस्त ठीक होती है।

7.दस्त की समस्या में 50-100 मिली मौसंबी के रस में सौंफ का चूर्ण, और शक्कर मिलाकर सेवन करें। इससे दस्त और बुखार में आराम मिलता है।

8.पेशाब करते समय दर्द, जलन, या पेशाब रुक-रुक कर आने जैसी समस्याएं आ रही हैं तो इस रोग में मौसंबी का उपयोग कर लाभ पा सकते हैं। इसके लिए 50-100 मिली फल के रस का सेवन करें। मौसंबी जूस के फायदे से शरीर को इस कष्ट से आराम मिलता है।

9.मौसंबी फल के छिलके को छाया में सुखा लें। इसे पीस लें, और इसमें मुल्तानी मिट्टी, हरिद्रा चूर्ण, तथा 1-2 बूँद नींबू का रस मिला लें। इसे चेहरे पर लगाने से झाईयां और मुंहासे आदि विकार दूर होते हैं। इससे चेहरे की कांति बढ़ती है।

मौसंबी के व्यंजन 

पाइन एप्पल स्वीट लाइम जूस
1.5कप अनानास के टुकड़े
16बड़ी मुसम्मी की फांक
2 टी स्पून भिगोए हुए हलीम के बीज
पहले अनानास के टुकड़े थोड़ा थोड़ा हॉपर में डालें, फ़िर मौसंबी को डालकर ग्राइंड कर लें।
अब दो अलग अलग गिलास में लेकर हलीम के बीज डालकर परोसें।

मिक्सड फ्रूट चाट:
अनार,पपीता,नाशपाती,अमरूद, सेब,मौसंबी,के साथ काला नमक मिर्च लेकर चाट बना सकते हैं।

मौसंबी केक:
आप मौसंबी का इस्तेमाल करके केक भी बना सकते हैं जो स्वादिष्ट,खुशबूदार,और पौष्टिक भी है।
सामग्री:
मौसंबी जूस:1कप
मैदा:1 कप
चीनी:6 कप
वनीला:1 चम्मच
बटर:5 चम्मच
मीठा सोडा:एक चौथाई चम्मच
बेकिंग पाउडर:एक चम्मच
विधि:
सबसे पहले मौसंबी को छीलकर उसका रस निकाल लें। अब उसमें मैदा चीनी मिलाकर घोल तैयार कर लें।घोल ऐसे तैयार करें कोई गांठ ना  रह जाए।
अब उसमें बेकिंग पाउडर और वैनिला मिला लें।साथ ही में थोड़ा सा बटन भी मिला लें।अब घोल को केक टिन या एल्युमिनियम के कटोरी में डालकर तैयार कर ले और कुकर चढ़ा दें।
कुकर में नमक डाल दें और उसे गर्म होने दें ।
जब नमक गरम हो जाए तब उसमें केक टिन स्टैंड पर रख दें और कुकर को बंद कर दे 10 से 15 मिनट के बाद आपका केक तैयार हो जाएगा।
तैयार है आपका टेस्टी और पौष्टिक केक।

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मौसंबी के साथ बरती जाने वाली सावधानियां:

मौसंबी एक स्वादिष्ठ और पौष्टिक फल है,लेकिन इसके साथ भी कुछ सावधानियां बरती जानी चाहिए।

1.इसमें सिट्रस एसिड होता है।अगर आपको इससे एलर्जी है तो इसे खाने से बचें।इससे सर्दी जुकाम, रैशेज हो सकते हैं।

2.यह एसीडिटी को और बढ़ा भी सकता है।इस लिए एसीडिटी के दौरान खाने से बचें।अगर इसे आप अधिक मात्रा में खाते हैं तो इससे आपको उल्टी और पेट में दर्द की समस्या हो सकती है। यह इसलिए होता है क्योंकि इसमें विटामिन सी होता है और अधिक विटामिन सी उल्टी व मतली का कारण बनता है।

3.अगर आपके दांत संवेदनशील हैं तब इन्हे खाने से बचें अन्यथा दांतों में दर्द झनझनाहट शुरू हो सकता है।मीठी मौसमी में मौजूद साइट्रिक एसिड दांतों की परत को खोखला कर सकता है। एसिड दांतों की परत को खोखला कर देता है और दांतों में संवेदनशीलता व दर्द जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।

4.मौसंबी को त्वचा पर लगाकर धूप में ना निकलें, अन्यथा त्वचा झुलस सकती है।मौसमी के तेल से एलर्जी है वे अपनी त्वचा के लिए कोई भी उत्पाद खरीदने से पहले एक बार पैकेट पर देख लें कि उसमें मौसमी का तेल है या नहीं।

5.जब पेट में उत्पन्न एसिड या कभी-कभी पेट में मौजूद तत्व आपकी भोजन नली  में वापस आ जाते हैं। मौसमी में एसिड होता है, जिसकी वजह से आपकी खाने की नली को नुकसान पहुंच सकता है और इससे एसिड भाटा रोग बढ़ सकता है।

मौसंबी का दाम:यह 80 से100रुपए किलो के लगभग मिलता है,और इसका दाम मौसम के अनुसार घटता बढ़ता रहता है।

ये रहा मौसंबी का पूरा लेखा जोखा।इसके गुणों को देखते हुए बिल्कुल यह कहा जा सकता है कि क्यों इसे लोग बीमारी के दौरान खाते हैं।और आप मात्र गिलास जूस पीने के अलावा भी इसके बारे में जान पाए होंगे।
लिखकर बताएं कैसा लगा और पढ़ते रहें सेहत समाचार।

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