चना दाल के फायदे जो आप नहीं जानते (Benefits Of Horse Gram In Hindi)

चना दाल के फायदे (Benefits of horse gram) बहुत से है. इस आर्टिकल में मैंने पूरी कोशिश करी है की हर उस फायदे को कवर करू जो चना दाल से मिलते है. पर कोई चना दाल का फायदा मुज़से छूट गया हो तो प्लीज कमेंट में जरूर बताना। 

चने की दाल  काला चना, लाल चना और हरे चने जितना लोकप्रिय नहीं है, और इसी कारण तरह तरह के भोजन में रूचि रखने वाले लोग भी इसे बहुत बार भूल जाते हैं।

हॉर्स ग्राम (horse gram) या चने की दाल एक बहुत पौष्टिक फली / बीन है और सदियों से इसका उपयोग एक वैकल्पिक /लोक औषधि के रूप में भी होता आया है। 

चने की दाल की पोषण संबंधी जानकारी

चना दाल एक प्रकार का दलहन है जो विशेषकर दक्षिण-पूर्व एशियाई उपमहाद्वीप और अफ्रीका में काफी उगती है. पर मजे की बात ये है की सदियों से भारत में भी इसकी खेती और उपयोग किया जाता रहा है. 

चने की दाल की खसियत है इसमें उपलब्ध प्रोटीन। बाकी बहुत सी आहार वस्तुओ में चने की दाल में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है.

प्रोटीन अधिक होने की वजह से इसमें शक्ति बहुत है. इसलिए अक्सर घोड़ो को चना दाल खिलायी जाती है. खासकर घुड़दौड़ के पहले।

और यही से इसका नाम हॉर्स ग्राम (horse gram) पड़ा. 

चने की दाल : एक सुपरफूड

Horse gram a superfood

यूएस नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज इस दाल को एक आशाजनक खाद्य स्रोत माना है. भविष्य के लिए इसके संवर्दन और प्रोत्साहन पर काफी बल दिया गया है.

ख़ास कर इसकी एक क्षमता इसको औरो से अलग करती है. ये सूखे वातारवरण में काफी अच्छे ढंग से उगाई जा सकती है. कम पानी और बीमारी रोधी इसके गुण इसके एक शानदार प्रोटीन का सस्ता सोर्स बनाते है.

कुपोषण से लड़ने में इससे बेहतर कोई विकल्प भविष्य के लिए नहीं दिख रहा. बढ़ती जनसंख्या और संसाधनों पर बढ़ते जोर की वजह से चने की दाल का महत्व कई गुना बढ़ जाता है.

चने की दाल में प्रोटीन अधिकः होने की वजह से इसके बहुआयामी उपयोग है.

फिर चाहे वजन घटाने वाले आहार में इसका उपयोग हो या मासिक धर्म में आराम देने वाले इसके गुण।  चने की दाल आपको बहुत से फायदे देती है. (horse grams gives many benefits)

खासकर हर उम्र के लोगो को ये फ़ायदा दे सकती है. 

इसके दो गुण जो इसको ख़ास बनाते है.

१- इसमें कार्बोहायड्रेट या वसा बहुत कम होता है.

२- कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है.

अब हम समझते है चने के दाल के कौन कौन से फायदे होते है. और इसका उपयोग कैसे करे. (Benefits of horse gram and how to use it )

चने की दाल के फायदे

(Health benefits of Horse gram )

पशुओ के लिए तो ये पहले से ही काफी इस्तेमाल होते आ रहा है. पर नए अध्यनो से इसको मनुष्यो के लिए भी फायदेमंद माना जा रहा है. 

कुछ फायदे जो आपने कभी सपने में भी नहीं सोचे होंगे वो चना दाल दे सकती है, अगर आप उसको संतुलित मात्रा में ले तो.

पुरातन काल से ही भारत में इसको आयुर्वेद और घरेलु नुस्खों में उपयोग किया जाता रहा है.

उदहारण के लिए अस्थमा या श्वास सम्बंधित बीमारी में ये काफी लब्धियाक मानी जाती रही है.

पेशाब की समस्या हो या पीलिया, पेप्टिक अलसर (पेट में छाले) हो या मासिक धर्म। सब में इसका उपयोग होता है.

 नीचे हम कुछ बहुत उपयोगी फायदे बता रहे है जो आपके भी काम आ सके. (best benefits of horse gram)

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1- वजन घटने में चना दाल का उपयोग

(Benefit of horse gram in weight reduction)

हॉर्स ग्राम या चना दाल में प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट्स बहुत कम है.

इसलिए शरीर में जाते ही ये इन्सुलिन को बढ़ावा नहीं देता। आपको जैसा मालूम होगा इन्सुलिन हार्मोन एक मोटापा बढ़ने वाला हॉर्मोन है.

इन्सुलिन कम बढ़ेगा तो चर्बी कम जमेगी। ये सीधा हिसाब है. तो चना दाल इसमें मदत करता है.

साथ ही आपके डाइट प्लान में अगर चना दाल का स्थान सुनिश्चित है तो ये आपको प्रोटीन तो देगा पर कार्बोहायड्रेट नहीं देगा। इसका साफ़ मतलब है की चना दाल खाने से पेट ज्यादा देर भरा रहता है. प्रोटीन देर से पचता है.

इसलिए भूख कम लगती है और इस वजह से सामान्य से अधिक खाने की प्रवृत्ति से बचते है.

आयुर्वेद में भी इसको वजन कम करने में उपयोगी माना गया है.

२- अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है

चना दाल शरीर में कोलेस्ट्रॉल कम करने और अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ने में मदत करता है. (Benefits of horse gram in controlling cholesterol)

चना दाल खाने से आपके शरीर में अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. याने की यह HDL को बढ़ता है(१)

HDL बढ़ने से आपका LDL नियंत्रित रहता है जो की एक बुरा कोलेस्ट्रॉल है. 

साथ ही HDL बढ़ने से आपकी धमनियों की रुकावटे दूर होती रहती है. इसलिए ये आपके ह्रदय के लिए भी अच्छा है.

अध्यनो से ये साफ़ होता है की चने की बीज खाने से फैट कोशिकाओं पर के प्रकार से आक्रमण होता है और वो वसा स्टोर करने की क्षमता को कम करती है.

वजन कम करने के लिए चने की दाल कैसे ले. (How to use horse gram to reduce weight)

  1. १-एक मुट्ठी चने की दाल पीस ले.
  2. २- उसको एक ग्लास पानी में मिला ले.
  3. ३- एक चम्मच भुना जीरा पाउडर मिलाये और घोल कर रख ले.
  4. ४- दिन में दो बार खली पेट ले.

आपको कुछ हफ्तों में फर्क समझ आ जायेगा।

आपको साथ में कैलोरीज का भी अच्छी तरह ध्यान रखना पड़ेगा। कयदा कैलोरीज लेंगे तो कुछ भी हो जाये वजन कम नहीं होगा।

३- डायबिटीज को नियंत्रित करता है :

अगर आप डायबिटीज से परेशान है तो चने की दाल का उपयोग कर सकते है.

एक बात तो डायबिटीज में बहुत महत्वपूर्ण है की आपकी शुगर बड़ी हुई होती है.

ऐसे में डॉक्टर्स या डाइटिशन आपको ऐसा आहार खाने को बोलता है जो लौ ग्लाइसेमी हो.

लौ ग्लाइसेमीक फ़ूड या भोजन का मतलब होता है ऐसा खाना जो खाने के बाद शुगर को अचानक नहीं बढ़ाता।

तो अगर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों की माने तो खाना खाने के बाद कच्चे चने की दाल के मुट्ठी भर दाने खाने से आपके टोटल खाने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो सकता है।

इसे खाने से कार्बोहाइड्रेट पाचन को धीमा होने से और इंसुलिन प्रतिरोध को कम किया जा सकता है।

४- मासिक धर्म की गड़बड़ी :

मासिक धर्म की पीड़ा कोई महिला ही बता सकती है. मासिक धर्म में न सिर्फ रक्त का स्राव तकलीफदेह होता है पर साथ ही ऊर्जा का नाश भी होता है.

मासिक धर्म में रक्त के नुकसान से शरीर में आयरन, प्रोटीन, फॉस्फोरस, कैल्शियम इत्यादि खनिजों का नुक्सान भी होता है. ख़ास कर भारत में जहा महिलाओ में कुपोषण अत्यधिक है वह तो मासिक धर्म समस्या को और बढ़ा देता है.

ऐसी स्थति में चने की दाल बहुत उपयोगी सिद्ध होती है। चने की दाल का सूप या सलाद खाने से अनियमित मासिक चक्र के दौरान होने वाला दर्द और चिड़चिड़ापैन काफी हद तक आराम मिलता है।

चने की दाल में लोहा काफी होता है. आयरन की वजह से शरीर में आयरन का नुक्सान रुक जाता है. आपका हीमोग्लोबिन सही बना रहता है.

चने की दाल का सूप हर महिला को रोजाना पीना चाहिए। 

५- डायरिया में आराम।

जैसा की आप ऊपर के नुट्रिशन चार्ट में देख सकते है की चने की दाल में काफी मात्रा मेंफाइबर्स होते है.

इसके फाइबर की खासियत होती है की ये पानी को काफी मात्रा में सोख लेता है. इसलिए दस्त में चने की दाल खाने से शरीर से लिक्विड का नुक्सान कम होता है.

साथ ही इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स शरीर में आयन्स को गिरने नहीं देते।

चने की दाल एक मुट्ठी रात को पानी में भिगो कर रक् दे. सुबह पानी सहित उसको खा ले. आपका पाचन बढ़िया रहेगा. 

६- स्पर्म काउंट / शुक्राणु की संख्या में सुधार करता है 

(Benefits of horse gram in increasing sperm count. )

शुक्राणु को बढ़ने पनपने के लिए कुछ जरूरी चीजे चाहिए होती है.

जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और एमिनो एसिड्स। और इनकी कमी से शरीर में स्पर्म बनाने की प्रक्रिया धीमी पड़ती है या रुक जाती है.

तो यहाँ ये जानना बहुत मजेदार होगा की चने की दाल में  कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और अमीनो एसिड स्पर्म भरपूर मात्रा में होता है.

ये मिनरल्स और एमिनो एसिड्स आपके स्पर्म काउंट बढ़ने में काफी मदत करते है. आपके पुरुष प्रजनन प्रणाली को यह मिनरल्स काफी मदत करते है.

चने की दाल में पाए जाने वाले एमिनो एसिड्स एन्झाइम प्रक्रिया को बढ़ा कर शुक्राणु के उत्पादन को बढ़ावा देते है. 

७ गुर्दे की पथरी में आराम:

चने की दाल में बहुत से एंटीऑक्सीडेंट्स होते है जो पथरी में जमने वाली परतो को बनने से रोकते है. 

ये एंटीऑक्सीडेंट पहले से बनी हुई परतो को भी तोड़ने में मदत करते है.

चने की दाल का नियमित सेवन आपको पथरी से बचा सकता है.

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८ ब्लड प्रेशर में फायदेमंद :

चने की दाल में पाए जाने वाले मिनरल्स, एंझाईम्स, एमिनो एसिड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स आपके पूरे न्यूरो तंत्र पर एक सकारात्मक प्रभाव डालते है. 

आपकी धमिना शांत हो कर उनमे तनाव कम होता है. इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है.

९ गर्भावस्था के बाद उपयोगी :

गर्भावस्था के बाद स्त्रियों को दो समस्याओ का सामना करना पड़ता है.

पहला शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है.

दूसरा शरीर की त्वचा में ढीलापन आने लगता है. ख़ास कर पेट के आस पास की त्वचा लटक जाती है.

चूंकि चने की दाल में काफी पोषक तत्व जैसे आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, इत्यादि प्रचूर मात्रा में मिलते है. इसलिए चने की दाल प्रनन्सी के बाद नियमित खाने से शरीर को ये पोषक तत्व वापस मिलने लगते है. इनकी कमी नहीं होने के कारन शरीर में जल्दी ही खुद को वापस व्यवस्थित करने में मदद मिलती है.

मासिक चक्र अगर अनियमित हो गया है तो भी चने की दाल काफी मदत कर सकती है.

ये चने की दाल का एस्ट्रिंजेंट गुण  है. इससे मासिक चक्र को संतुलित करने में मदद मिलती है साथ ही चमड़ी या त्वचा में कसाव भी उत्पन्न होता है.

१०-  त्वचा की सुंदरता में सहायक:

आयुर्वेद की माने तो त्वचा की समस्या पेट और रक्त से जुड़ी होती है.

अगर आप इन दो चीजों को ठीक रखते हैं तो आप एक निरोगी काया पा सकेंगे।

चना मेटाबोलिज्म बढ़ाता है. इससे पाचन में सुधर होता है और त्वचा तक रक्त का परवाह बेहतर होता है.

साथ ही पेट नुट्रिएंट्स या पोषक तत्वों को अच्छी तरह सोख पाटा है.

इन सब बातो का असर त्वचा पर पड़ता है और उसमे निखार आता है.

त्वचा के लिए दिन में तीन बार एक मुट्ठी चने की दाल भिगो कर खाये।

११- याददाश्त चना दाल के फायदे 

दिमाग को दो चीजों की आवश्यकता होती है तीव्र ढंग से काम करने के लिए.

१- सही खुराक

२- सही रक्त प्रवाह

चने की दाल इन दोनों बिन्दुओ पर काम करता है.

इसमें विटामिन बी काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में है जो दिमाग की खुराख है.

साथ ही इसके फाइबर्स और कोलेस्ट्रॉल कम करने की क्षमता रक्त प्रवाह सुचारु रखने में मदत करती है.

दोनों वजहों से आपकी दिमागी ताकत बढ़ती है और साथ ही याददाश्त भी.

१२- लिवर की सुरक्षा में सहायक 

कच्चे चने के दानो में फ्लेवोनोइड और पॉलीफेनोल्स पदार्थों बहुत ज्यादा मात्रा में होते है.

ये एक प्रकार कंपाउंड है जो पित्ताशय और लिवर दोनों को मजबूत करते है.

इनसे शरीर में रक्त की शुद्धिकरण की प्रक्रिया भी बहुत अच्छी रहती है.

चने की दाल सम्बंधित बड़े सवाल छोटे जवाब। पूरी जानकारिया इन सवालो के उत्तर में ही मिल जाएंगी.

रिफरेन्स:

१- https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/18469287

Image by PDPics from Pixabay

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